Property Registry:सिर्फ रजिस्ट्री कराने से नहीं मिलता मालिकाना हक, जानिए कौन सा दस्तावेज़ है

Property Registry: किया आप सिर्फ रजिस्ट्री से पप्रॉपर्टी के मालिक बन जाते है अगर अगर अपने अभी घर या जमील खरीदा है या खरीदने का सोच रहे है तो अपने रजिस्ट्री का नाम जरूर ही सुना होगा लेकिन किया आपको पता है की सिर्फ रजिस्ट्री करवाने से आप उस प्रॉपर्टी के पूरे मालिक नहीं बन जाते जी है सही सुना अपने असली मालिकाना हक पाने के लिए आपको कुछ जरुरी दस्तावेज की जरुरत होती है जिनके बिना प्रॉपर्टी पर आपका हक पूरी तरह इस आर्टिकल आसान भाषा मैं बताएंगे कि वो ज़रूरी दस्तावेज कौन-कौन से हैं और क्यों ये आपके लिए जानना जरूरी है।

मालिकाना हक साबित करने वाले जरूरी कागज़ात

आपको बता दे की जब आप कोई प्रोपेर्ट खरीदते है तो सिर्फ रजिस्ट्री या सेल डीड ही काफी नहीं होती। असली मालिकाना हक साबित करने के लिए आपके पास कुछ जरुरी दस्तावेज जो यह दिखाता है कि आप उस संपत्ति के कानूनी मालिक हैं। आइए जानते हैं ऐसे कौन-कौन से कागज़ात जरूरी होते हैं ।

  • सेल डीड (Sale Deed): यह सबसे अहम दस्तावेज़ होता है, जो यह बताता है कि प्रॉपर्टी का मालिकाना हक किसके नाम ट्रांसफर हुआ है।
  • म्युटेशन सर्टिफिकेट: यह दस्तावेज़ नगर निगम या पंचायत के रिकॉर्ड में आपके नाम पर प्रॉपर्टी चढ़वाने के लिए जरूरी होता है।
  • प्रॉपर्टी टैक्स की रसीदें: यह दिखाती हैं कि आप उस प्रॉपर्टी पर समय-समय पर टैक्स भर रहे हैं, यानी आप ही उसके मालिक हैं।
  • पुराने मालिकाना दस्तावेज़: ये पेपर्स यह साबित करते हैं कि पहले प्रॉपर्टी किसके नाम थी और उसमें कोई कानूनी विवाद तो नहीं है।

क्या Property Registry ही सब कुछ है? जानिए सच्चाई

Property Registry

अक्सर लोग मन लेते है कि रजिस्ट्री होते ही प्रॉपर्टी पर उनका हक हो गया जबकि सच यह है कि रजिस्ट्री सिर्फ एक कानूनी प्रक्रिया है जो प्रॉपर्टी ट्रासंफर को रिकॉर्ड करती है आपको बता दे की असली मालिकाना हक साबित करने के लिए आपके पास अन्य जरुरी दस्तावेज भी होना चहिए ये दस्तावेज खासतौर पर तब जरुरी हो जाते है जब प्रॉपर्टी पर कोई विवाद हो या आप उसपर लोन लेना चाहे ।

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मालिकाना हक साबित करने का सही तरीका

अगर आप यह सुनिश्चित करना चाहते हैं कि जिस प्रॉपर्टी पर आप दवा कर रहे है वह प्रॉपर्टी आपके नाम है या नहीं तो इन जरुरी स्टेप को जरूर अपनाए:

  • भूमि रिकॉर्ड ऑनलाइन देखें: हर राज्य की अपनी सरकारी वेबसाइट होती है, जहां आप प्रॉपर्टी का रिकॉर्ड चेक कर सकते हैं। इससे पता चलता है कि प्रॉपर्टी किसके नाम पर दर्ज है।
  • प्रॉपर्टी टैक्स की रसीदें रखें: ये साबित करता है कि आप उस प्रॉपर्टी के मौजूदा मालिक हैं और नियमित टैक्स भरते हैं।
  • पुराने दस्तावेज़ संभालकर रखें: जैसे पहले मालिकों की रजिस्ट्री, टाइटल डीड वगैरह। ये किसी भी कानूनी स्थिति में आपके काम आ सकते हैं।

मालिकाना हक जांचने का पूरा प्रोसेस

जरूरी कामविवरण
दस्तावेज़ इकट्ठा करेंरजिस्ट्री, म्युटेशन सर्टिफिकेट, प्रॉपर्टी टैक्स रसीदें इकट्ठा करें
वकील से वेरिफिकेशन करवाएंप्रॉपर्टी के सभी दस्तावेज़ों की कानूनी जांच करवाएं
सरकारी विभाग से रिकॉर्ड कन्फर्म करेंस्थानीय सरकारी कार्यालय से प्रॉपर्टी रिकॉर्ड की पुष्टि करें
नामांतरण कराएं (Mutation Process)प्रॉपर्टी के रिकॉर्ड में अपना नाम दर्ज कराएं
विवाद होने पर लीगल स्टेप्स लेंविवाद होने पर तुरंत वकील की मदद से कानूनी कार्रवाई करें

क्यों जरूरी हैं ये दस्तावेज़?

  • कानूनी सुरक्षा मिलती है – भविष्य में कोई भी व्यक्ति आपकी प्रॉपर्टी पर दावा नहीं कर सकता।
  • लोन लेना आसान होता है – बैंक तभी लोन प्रदान करता है जब आपके पास सभी जरूरी दस्तावेज़ सही और पूरी तरह से हों।
  • प्रॉपर्टी बेचने में आसानी होती है – सही दस्तावेज़ होने पर आप अपनी प्रॉपर्टी बिना किसी झंझट के आसानी से बेच सकते हैं।

रजिस्ट्री के बाद भी क्या करना जरूरी है?

आपको बता दे की रजिस्ट्री होने के बाद भी एक जरुरी कदम बचता है जिसे नामांतरण (Mutation) कहते हैं इसके तहत आपकी प्रॉपर्टी का रिकॉर्ड नगर निगम या ग्राम पंचायत के ऑफिस में आपके नाम से अपडेट किया जाता है। इससे प्रॉपर्टी टेक्स की रसीदें भी आपके नाम पर आती हैं और आपका मालिकाना हक पूरी तरह से सरकारी रिकॉर्ड में दर्ज हो जाता है।

Disclaimer

यह लेख केवल सामान्य जानकारी के लिए है। किसी भी संपत्ति से जुड़े कानूनी फैसले से पहले कृपया किसी अनुभवी वकील या प्रॉपर्टी विशेषज्ञ से सलाह जरूर लें। दस्तावेज़ों और नियमों में राज्य के अनुसार अंतर हो सकता है, इसलिए हमेशा सरकारी वेबसाइट या संबंधित अधिकारियों से आधिकारिक जानकारी प्राप्त करें।

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